श्री राजेंद्र अवस्थी जी नहीं रहे-
यह (समाचार जैसे ही मैं 31-दिसंबर 09 को दिल्ली पहुंचा),दुखद समाचार मिला ।
बहुत ही दुख हुआ । अभी करीब एक माह पहले मैं उनसे उनके निवास पर मिला था तब काफी देर उनसे बातें होती रहीं, करीब दो घंटे । उन्होंने अपनी किताबघर से छपकर आई कहानियों की किताब दिखाई । खुश थे । कुछ कमजोर से थे मगर स्वस्थ थे ।
मुझे उनके इस तरह चले जाने पर बहुत ही दुख हुआ । वे एक बहुत ही अच्छे और जिंदादिल इनसान थे। सभी के लिए मददगार और सभी के साथ हँसते-मुस्कुराते रहे, उनकी छवि और ढेरों यादें हमेशा दिलों में रहेंगी । मेरा, उनके संरक्षण में काम करने का करीब 15 साल साथ रहा, हम सभी के गुरुजी के रुप में वे ख्यात रहे । उनके सेनानिवृत्त होने के बाद भी उनसे समय-समय पर मेरा कभी व्हाइट हाउस, नई दिल्ली, कभी उनके निवास और कभी उनके कार्यक्रमों में मुलाकातों का सिलसिला जारी रहा ।
उनको मेरी विनम्र श्रद्धांजलि ।
प्रदीप शुक्ला
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