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Monday, January 18, 2010

उतरी है लोकमंगल में गीतभोर


सुबह से ज्यादा नर्म और मुलायम अहसास भला और कहां मिलता है और इसे अगर कैमरे में खूबसूरती से कैद कर लिया जा तो क्या कहने। कुछ ऐसी ही तस्वीरें हम यहां लोकमंगल के लिए दे रहे हैं। इन्हें डॉ. अनिल कुलश्रेष्ठ ने हमारे लिए भेजी हैं-
पं. सुरेश नीरव

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