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Thursday, January 21, 2010

क्या आप को वंदेमातरम गीत याद है अगर नहीं तो...

 
वंदे मातरम् ।
सुजलाम् सुफलाम् मलयज् शीतलाम्
सस्यश्यामलम् मातरम् ।
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिणिम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्
सुखदाम् वरदाम् मातरम् ।।
वंदे मातरम् ।

 
कोटि–कोटि-कंठ कल-कल-निनाद-कराले
कोटि–कोटि-भुजैघृत-खरकरवाले
अबला केन माँ एत बले।
बहुबलधारिणीम् नमामि तारिणीम्
रिपुदलवारिणीम् मातरम् ।।
 वंदे मातरम् ।
 
तुमि विद्या तुमि धर्म
तुमि ह्रदि, तुमि मर्म
त्वं हि प्रणाः शरीरे
बाहूते तुमि माँ शक्ति
ह्दये तुमि माँ भक्ति
तोमारइ प्रतिमा गडि मंदिरे मंदरे ।।
वंदे मातरम् ।
 
त्वं हि दुर्गादशप्रहरमधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी
नमामि त्वं नमामि कमलाम्
अमलाम् अतुलाम् सुजलाम् सुफलाम् मातरम् ।।
वंदे मातरम् ।
 
श्यामलाम् सरलाम् सुष्मिताम् भूषिताम्
धारिणीम् भारिणीम् मातरम् ।।
वंदे मातरम् ।

एक समारोह में एक मंत्रीजी ने जन-गण-मन का विरोध किया और कहा कि यह औपनिवेशिक प्रशंसा में लिखा गया गीत है और इसकी जगह राष्ट्रीय अस्मिता का गीत वंदे माकरम गाना चाहिए। जनता ने मंत्रीजी को ही यह गीत गाने को कहा। मंत्रीजी की भद्द पिट गई। उन्हें खुद यह गीत याद नहीं था। आप की हालत भी उस मंत्री जैसी न हो इस लिए हम यह गीत आपकी सेवा में सादर प्रस्तुत है।



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