डाक्टरप्रेमलता नीलम
यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
Search This Blog
Thursday, August 19, 2010
आप सचमुच में एक विद्वान व्यक्ति हैं
नीरवजी आपकी टपोरी गजल बहुत अच्छी लगी। क्या बात है कि आपने और मकबूलजी ने दोनो ने ही खाज-खुजलीवाली गजलें ही पेलीं हैं। कहीं ये आप दोनों का भोगा हुआ यथार्थ तो नहीं है। अगर है तो भैया इलाज कराओ गजले कहने से थोड़े ही खुजली ठीक हो जाएगी। भगवान सिंह हंस पर आपने बहुत गढिया लेख लिखा है। आप सचमुच में एक विद्वान व्यक्ति हैं। मेरे नमन स्वीकारें।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment