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Thursday, September 9, 2010

वाह भाई हंस जी

कवि की द्र्स्टी एवं स्र्ती बड़ी गहराई
से शव्दों का चयन किया है बधाई ......
आपको नीरव जी की क्रपा मिलती रही तो एक दिन
महाकवि का दर्जा हासिल प्राप्त कर लेंगे ,
शुभकामनाये ......................................
प्रकाश प्रलय कटनी ...................................

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