
आपके डिस्पैच रोज़ पढ़ रही हूं। आप सचमुच महाकवि हैं। और सहृदय भी। आपने वकील साहब यानी रजनीकांतराजू के बारे में बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है। मगर उनकी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं ,लगता है वे अभी ब्लाग पढ़ नहीं पाए। बहरहाल आपने अपना काम कर दिया है। नीरवजी के सान्निध्य का प्रभाव आप पर काफी सार्थक ढंग से पड़ रहा है। अच्छा लगाता है यह सब देखकर। बधाई
प्रस्तुतिःडाक्टर मधु चतुर्वेदी
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