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Sunday, October 17, 2010

विजये विश्व दशहरा प्यारा

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सत पर असत की विजय का प्रतीक है विजयादशमी। यह त्योहार हमें नैतिक मूल्यों के आलोक में  नई दिशाएं दे. और हम राष्ट्रीय भावनाओं से ओतप्रोत होकर अपने देश और समाज तथा संस्कृति के लिए सर्वश्रेष्ठ करने को सदैव तत्पर रहें इन्ही मंगलकामनाओं के साथ जयलोकमंगल के सभी साथियों को मेरी मंगल कामनाएं।
सत्यमेव जयते..
                                                                    डाक्टर रामगोपाल चतुर्वेदी (जयपुर)
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जयलोकमंगल से जुड़ाव बहुत पुराना हो गया है। अब तो यदि किसी दिन लिख नहीं पाते हैं तो लगता है कि आज कुछ मिस हो गया है। और तीज-त्यौहार पर तो मामला और पेचीदा हो जाता है। पंडित सुरेश नीरव और उनके प्रयासों से आज ब्लाग ने अपनी एक मजबूत स्थिति बनाली है। दशहरे के मौके पर मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि हमारा ब्लाग दिन दूना-रात चौगुना विकास करे। पालागन..
मृगेन्द्र  मकबूल (गाजियाबाद)
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