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Thursday, October 28, 2010

शब्दिका


कार्यालय में

भ्रस्टाचार के

मामले में

वो पहुचे हुए संत हैं....

उनका कहना है कि

संभावनों का

आकाश अनंत है

उनके अंदर

भेर्वारियो जैसी कला है.........

जो दे उसका भला

जो न दे उसका भी भला है...........

प्रकाश प्रलय कटनी


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