पड़ोस के रावण को आज मार डालने पर आप को लख- लख बधाई !
पर अपने अंदर के रावण को कब मार रहे हो मेरे भाई !!
वनवास काट कर भी , अयोध्या नहीं कर पाए वे निवास !!!
अब वह चाहते हैं हर भारतीय के मन में वास !!!!
अगले दशहेरे तक शायद पूरी हो जाए मेरी आस !!!!!
-राजमणि
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