

विद्वता के साथ विनम्रता बहुत जरूरी है। विद्वता का अभिमान विद्या की आभा को भी कलुषित कर देता है। राजा राम वनवासी है,साधनहीन हैं मगर सोने की लंका के अधिपति को इसलिए पराजित कर देते हैं क्योंकि वह विनम्र हैं. रीछ,भालू और बंदर भी उनके प्रेम के बंधन से बंधे हैं। इसलिए वह विजयी हुए। हमें विजया दशमी के अवसर पर अपने अहंम के रावण को स्वयं समाप्त कर देना चाहिए. यही संदेश है दशहरे का।
मधु मिश्रा
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