यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, November 16, 2010
शब्दिका
" भ्रष्ट पंजो ने वयवस्था को कसा है ................ अब ne दिशा है न दसा है .................. प्रकाश प्रलय कटनी
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