हिंदी गीत कविता में रामावतार त्यागी का स्थान काफी ऊंचा स्थान रखता है-।ऊनकी कुछ पंक्तियां आपको सौंप रहा हूं---
तुम व्रत करो किसी की खातिर
लेकिन फल मुझको मिलता है
अर्घ्य चढाओ किसी सूर्य को
लेकिन जल मुझको मिलता है
तुम ने; जग ने ;दीवारों ने रोका सब ने
मगर हुआ क्या?मैने जब चाहा है
तुमको बैठे हुए पास देखा है
मैने तुम्हे स्वपन मे जब
भी देखा है
उदास देखा है
बैठे हुए पास देखा है
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