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Sunday, November 14, 2010

मनुष्यत्व का विकास

आज का विचार-
संसार में प्यार करने लायक दो वस्तुएँ हैं-एक दुख और दूसरा श्रम। दुख के बिना हृदय निर्मल नहीं होता और श्रम के बिना मनुष्यत्व का विकास नहीं होता। 
जयलोकमंगल

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