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Thursday, November 18, 2010

बिन्दु...बिन्दु...विचार

*वाह्!! एक तरफ भाजपा केन्द्र सरकार पर निशाने साध रही है, वहीं दूसरी तरफ उसकी तरफ भी भूमि घोटाले में उंगलियां उठ रही हैं. सूप बोले तो बोले .......

*जनता पार्टी नेता डा.सुब्रामण्यम स्वामी देश से भ्रष्टाचार मिटाने की मुहिम में एक राष्ट्रीय नायक के रूप में उभरे हैं. अभिनन्दन डा. स्वामी!!

*कांग्रेस भ्रष्टाचार की गंगोत्री है. कलमाडी,अशोक चव्हाण,राजा आदि तो प्यादे हैं. असली चढ़ावा तो किसी और देहरी पर पहुंच चुका है.पहेली है क्या?

*पूर्व सरसंघचालक सुदर्शन जी की ज़ुबान क्या फिसली ,कांग्रेसियों को सड़क पर नंगई और गुंडागर्दी करने का बहाना मिल गया. धत!

*देश की जनता सरकार व प्रधानमंत्री से जानना चाहती है कि हज़ारों करोड़ की रिश्वत आखिर किसकी ज़ेब में गयी ? जवाब दीजिये वरना इस्तीफा दीजिये.


*सुदर्शन जी के वक्तव्य से अलग होकर भाजपा अपना पल्ला क्यों झाड़ रही है . किसी कोने से दबाब में है क्या ?

*यदि उच्चतम न्यायालय व डा. सुब्रमण्यम स्वामी बीच में न आते तो कांग्रेस सरकार द्रमुक के साथ मिलकर 1,76,000 करोड़ गलीचे के नीचे बुहार देती. ये गलीचा आखिर किस-किसका है ?


* भारत के संविधान में संशोधन होना चाहिये. ए.राजा जैसे भ्रष्ट नेताओं पर सार्वजनिक रूप से मुकदमा चलाकर खुले-आम फांसी की सज़ा का प्रावधान होना चाहिये.

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