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Saturday, November 20, 2010

श्री भगवानसिंह हंस जिंदाबाद

 आज जयलोकमंगल पर श्री भगवानसिंह हंसजी ही छाए हुए हैं। कहीं भरतचरित के मामले में तो कहीं स्वर्णमुकुट की रपट की रपटन में। और श्री प्रशांत योगीजी ने भी उनकी भरपूर तारीफ की है। जो योगीजी ने लिखा है हंसजी आप उसे सुरक्षित रख लें अगली पुस्तक में सम्मति के लिए उपयोगी रहेगा। आपने मेरा स्वर्णमुकुटवाला फोटो लगाकर लोगों में भ्रम पैदा कर दिया कि आज मेरी सालगिरह है। आज तो भैया गुरुनानकदेव की सालगिरह है। उनको जयलोकमंगल की ओर से लख-लख बधाइयां...
पंडित सुरेश नीरव

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