
नीरव जी
अब मै बड़ी दुविधा में पड़ गया हूं !
आपने इतना विद्वत्तापूर्ण व्यंग्य लिखा है कि आप सबसे बड़े झूठे हैं।
और वह इतना सत्य है
कि आपकी परिभाषा के अनुसार आपके पास दिमाग नाम की फ़ालतू सी चीज़ बिलकुल नहीं हो सकती।
राजा जी की आई है बारात
और शासन की रंगीली रात
मोबाइल वाले वाले नाचेंगे !!
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