यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
आत्मलिप्त : विश्व मोहन तिवारी
एयरपोर्ट के भरे
प्रतीक्षागार में
कृष्ण का चित्र देखते ही
एक बालक
हाथों को बाँसुरी की मुद्रा दे
नाचने लगता है
उसे देखकर
उसकी माँ के सिवाय
कोई भी नहीं मुस्कराता
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