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Friday, December 31, 2010

हर तरफ चांदनी हो नए साल में

ब्लॉग के सभी मित्रों को नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें। नया साल मंगलमय और यश एवं स्वास्थ वर्धक हो। इन्हीं भावनाओं के साथ नव-वर्ष पर एक ग़ज़ल पेश है।
हर तरफ चांदनी हो नए साल में
होठों पर रागिनी हो नए साल में।

हर दिशा खुशबुओं से महकती रहे
महके फिर रात-रानी नए साल में।

इस वतन में हैं जितने भी चिकने घड़े
काश हों पानी-पानी नए साल में।

दर्दो-दहशत का नामो-निशाँ ना रहे
हो हवा जाफरानी नए साल में।

अब न मक़बूल फिर हो धमाका कोई
हो यही मेहरबानी नए साल में।
मृगेन्द्र मक़बूल

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