यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, January 5, 2011
आपका बहुत-बहुत आभारी
आदरणीय नीरवजी व डा० चतुर्वेदीजी आपके आशीर्सुमन अन्तः से ग्रहण करता एवं आपकी मंगलचरणरज को अपने माथे पर लगाता और अपनी गीली आँखों में आपके स्नेह को संजोता हुआ आपको बार-बार नमन करता हूँ, प्रणाम करता हूँ और पालागन करता हूँ।
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