पंडित सुरेश नीरवजी,
आपने श्री भगवान सिंह हंस का जो शब्द चित्र खींचा है,वह बड़ा ही जीवंत और भावप्रवण है।हंसजी सचमुच ही एक अदभुत व्यक्ति हैं और मैंने एक बार नहीं सेंकड़ों बार आपसे उनकी सरलता की ही चर्चा की है। विद्वान होना एक बात है और अच्छा आदमी होना एक अलग बात। मैं हंसजी की निश्छलता की हमेशा से कायल रही हूं और रहूंगी।वे आपके शिष्य हैं ये हम सब के लिए गर्व की बात है।डाक्टर मधु चतुर्वेदी
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