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Monday, January 31, 2011

आस


कभी घट मलिन, कभी मत मलिन,

कभी मैं मलिन, कभी तू भी मलिन,

ऊसर में इक आस, भीतर! कोई पास,

ना वो तेरा मलिन, न वो मेरा मलिन॥

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