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Saturday, January 22, 2011

जय  मानव की .मधु जे को जो नहीं समझ पाए उस मानव की योग साधना पर अनेकों प्रश्नचिंह खुद बा खुद लग जाते हैं .आयी ममतामयी माँ मधु जी को प्रणाम करें .और भारत माता के आंसुओं को पोछें.नीरव जी समेत लोकमंगल के सभी मित्रों को ढेर सारी शुभकामनायें.अभिषेक मानव

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