आदरणीय बाबाजी को चरणस्पर्श। श्री जगदीश परमारजी राजघराने के राजा हैं और स्वंत्रतता सेनानी एवं प्रसिद्ध गीतकार हैं। आज राजसी पोशाक में श्री परमारजी बड़े सुंदर लग रहे हैं। मैं आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
श्रीमति मंजु ऋषिजी को बहुत बधाई देता हूँ एक बेहतरीन कविता के लिए। उनकी कविता की ये पंक्ति बड़ी पसंद आयीं-
गुब्बारा उडाऊं
और उड़ जाऊं।
भगवान सिंह हंस
No comments:
Post a Comment