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Monday, January 24, 2011

अपने बदन पर लाठियां खाईं

नई सदस्यता-
मैं स्वतंत्रता सैनानी ग्वालियर निवासी 80 वर्षीय कवि
जगदीश परमार जिसने अंग्रेजों को इस देश से भगाने के लिए अपने बदन पर लाठियां खाईं और आजतक कलम से सामाजिक जागरण की लड़ाई लड़ता रहा पुत्रवत प्रख्यात कवि पंडित सुरेश नीरव की असीम अनुकंपा से आज से जयलोकमंगल का विधिवत सदस्य बन गया हूं। मैं सुरेश नीरव को अपनी लेखनी का समर्थ उत्तराधिकारी मानता हूं और उनके हर अनुष्ठान में पूरी शिद्दत के साथ सदैन साथ हूं। जयलोकमंगल को ग्वालियर में मैं पढ़ता रहा हूं अब अपनी राय भी दे सकूंगा। सभी साथियों को मेरे सलाम..
जगदीश परमारमोबाइल -9229176901 ग्वालियर

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