यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Sunday, February 6, 2011
महाभारत की बीज व्याख्या
ए.वी. हंसजी
आपका मुक्तक बड़ा गहरा है। हर अर्जुन में एक कृष्ण शेष है। ये महाभारत की बीज व्याख्या है। जिस कृष्ण ने हताश अर्जुन को गीता का उपदेश दिया आपने उस अर्जुन में कृष्ण का अस्तित्व रेखांकित किया है। नया दृष्टिकोण है। बधाई..
आदरणीय परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री नीरव जी, मेरा मुझसे कुछ नहीं,जो कुछ है सो विधि माहीं है आहत-क्षुब्ध मन मेरा,श्री रज तिहार चरण चाही प्रोफेसर अमित विकास हंस
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आदरणीय परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री नीरव जी,
मेरा मुझसे कुछ नहीं,जो कुछ है सो विधि माहीं
है आहत-क्षुब्ध मन मेरा,श्री रज तिहार चरण चाही
प्रोफेसर अमित विकास हंस
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