यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Tuesday, February 1, 2011
मधु जी को मेरा प्रणाम
डॉ .मधु चतुर्वेदी की कलम जब तक चलती रहेगी तब तक मानव की आत्मा जीवित रहेगी .आपका सम्मान करना इश्वर को प्रेम करने जैसा है .जो आपका सम्मान करेगा वो खुदबखुद मानव बन जाएगा ।
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