Search This Blog

Saturday, February 26, 2011

"आसिंधू सिन्धुपर्यन्तास्य भारतभूमिका | पितृभू: पुन्याभूश्चैवा स वै हिन्दूरीति स्मृत:|| "


वीर सावरकर भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी, क्रांतिकारिओं के प्रेरणास्त्रोत, अद्वितीय लेखक, राष्ट्रवाद के प्रवर्तक थे, जिन्होंने अखंड हिंदुस्तान के निर्माण का संकल्प लिया|
उनका सारा जीवन हिंदुत्व को समर्पित था| उन्होंने अपनी पुस्तक 'हिंदुत्व' मैं हिन्दू कोण है की परिभाषा मैं यह श्लोक लिखा--
"आसिंधू सिन्धुपर्यन्तास्य भारतभूमिका | पितृभू: पुन्याभूश्चैवा स वै हिन्दूरीति स्मृत:|| "
जिसका अर्थ है कि भारत भूमि के तीनो ओर के सिन्धुओं से लेकर हिमालय के शिखर से जहाँ से सिन्धु नदी निकलती है, वहां तक कि भूमि हिंदुस्तान है एवं जिनके पूर्वज इसी भूमि पर पैदा हुए है ओर जिनकी पुण्य भूमि यही है वोही हिन्दू है| "
क्रांतिवीर को कोटि-कोटि नमन
मुकेश परमार

No comments: