
प्रिय पुत्र इशु मानव ,
मैंने तुमको तुम्हारे ताऊ के पास प्राकृतिक मानववाद समझाने के लिए भेजा था उम्मीद थी की तुम देश में परिवर्तन लाने के मुहीम में मेरा साथ दोगे । लेकिन तुम तो अपने मार्ग से भटक गए हो पुत्र और अपने ताऊ के साथ मधुशाला खोजने लगे हो और तो और तुम इस देश की कवित्रिओं के दिल पर भी छाने लगे हो .ये शुभ संकेत नहीं है बेटा .अरे कोई मेरे बेटे इशु मानव को बचाओ भाई । तुम्हारा बाप
अभिषेक मानव
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