
ब्लॉग देखता हूं। लोगों के विचार भी पढ़ता हूं। मगर कभी-कभी लगता है कि मेरी भौं-भौं का जवाब नहीं। एक-आध बार नीरवजी या योगीजी मेरे मुकाबले आने की कोशिश करते भी हैं मगर मानव हैं मेरा मुकाबला कैसे कर सकते हैं। मेरे को पराजयबोध तब होता है जब हमारे देश के नेता हिंदुओं को आतंकवादी सिद्ध करने की भौं-भौं करते हैं तब जरूर मुझे लगता है कि मैं इनके मुकाबले कहीं नहीं ठहरता। मुझसे बड़े भौं-भौंवादी ये ही हैं। कौन है जो इनके गले में पट्टा डालेगा। कब बंद होगी इनकी भौं-भौं..
आपका
ईशू
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