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Wednesday, March 16, 2011

ब्रज की होली

ब्रज की होली

कदम्ब छांव।
मारे होली के दांव।
ब्रज के गांव॥


नंद-यशोदा।
लाए होरी कौ सौदा।
कान्हा है मोदा॥


हे ग्वाल-बाल!
बजाओ ढ़प ताल!!!
मचे धमाल॥


कान्हा कौ सखा।
दामा दाऊ ने लखा।
भागा वो झखा॥


रंग ले भागे।
कान्हा के दामा आगे।
अब ना लागे॥


दाऊ आओ तो!
याकू रगड़ो पोतो!
जो भागे रोतो॥


कृष्ण-सुदामा!
ह्वै रहयो हंगामा!
दाऊ श्रीदामा॥

1 comment:

प्रेमलता पांडे said...

सर आपने मेरे द्वार र्चित हायकू को यहाँ स्थान देने से पहले न तो मुझे बताया और न मेरे ब्लाग का लिंक
http://pasand.wordpress.com/category/%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%95%E0%A5%82/page/3/
दिया यह सब कापीराइट के विपरीत है ...