



चाहे मूर्ति निर्माण हो या पंडित सुरेश नीरव का किताबीकरण मैं जानता हूं कि इन सारे कारनामों के पीछे किसका दिमाग चल रहा है।दिमाग है भी आला दर्ज़े का। तय इतना आला दर्जे का दिमाग प्रशांत योगी धर्मशालावाले के अलावा और किसका हो सकता है।योगीजी के कमाल की चर्चा जगदीश परमारजी ने भी की थी,मुकेश परमार भी करते हैं।
मुकेश परमार
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