फाल्गुन की मस्ती है नहीं सस्ती
जय लोक मंगल के सभी साथियों को मेरा सार्थक , यथा योग्य,अभिवादन
सभी को होली की हार्दिक बधाईया
सब मिल खाएं जी भर मिठाईया
आदरणीय ,
फाल्गुन मे होली की मस्ती का अलग ही आनंद है परन्तु आज समाज मे
होली के नाम पर जो हुरदंग होता है उसने होली को बदनाम कर दिया है ,होलिका
दहन के नाम पर लाखो टन हरे पेड़ कट जाते है वातावरण में परदुषण बढ जाता
है रासायनिक रंगों के प्रयोग से त्वचा रोग बढ जाते है होली के बहाने से लोग
अश्लीलता और छेड़ छाड करते है जिससे दुश्मनी घटने की जगह बढ जाती है
शराब की बिक्री कई गुना बढ जाती है प्रेम और मिलन का त्यौहार तनाव और
तकरार मे बदल जाता है और मस्ती महंगी हो जाती है आओ हम प्रण करे होली
पर केवल चन्दन और वनस्पति रंग लगाये गले मिले और प्रेम बढाये होली को
सार्थक बनाये
रजनी कान्त राजू
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