यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Sunday, March 13, 2011
आपने शब्दों को सिद्ध कर लिया है।
आदरणीय पंडितजी। आपका संचालन कल दिल्ली दूरदर्शन पर सुनने को मिला। आपने कवियों और श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आपने शब्दों को सिद्ध कर लिया है। मेरे पालागन भगवानसिंह हंस
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