


सुश्री मंजुऋषि की रचना,काज़ी तनवीरजी की शायरी और प्रशांत योगीजी द्वारा पंडित सुरेश के शेर का किताबी
करण और शिखा वार्ष्णेय की रपट पढ़कर मजां आ गया। आज ब्लॉग पर काफी रौनक है। डॉक्टर पेमलताजीभी दिख रही हैं।जयलोकमंगल के सभी साथियों को बता दूं कि मेरा कंप्यूटर खराब हो गया है। और तीन दिन से मैं कुछ लिख-पढ़ नहीं पा रहा हूं। आज बाहर से आकर पोस्ट लिख रहा हूं। क्योंकि ब्लॉग को देखना और ब्लॉग पर लिखना मेरी पूजा बन गई है। जैसे ही ब्लॉग ठीक होगा मैं फिर हाजिर हो जाऊंगा।
आप का ही
भगवान सिंह हंस
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