यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Wednesday, April 27, 2011
मेरी शुभकामनाएं
भगवान सिंह हंसजी
आपकी प्रशंसाओं ने जयलोकमंगल पर रौनक ला दी है.आप की लेखनी कमाल कर रही है,इन दिनों। मैं आपका आभार किन शब्दों में व्यक्त करू। आप ऐसे ही लिखते रहें,और ऐसे ही दिखते रहें। मेरी शुभकामनाएं।
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