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Tuesday, April 26, 2011

डा० राम गोपाल चतुर्वेदी

आदरणीय डा० राम गोपाल चतुर्वेदीजी!चरण वंदना. आपने जो कार्य प्रश्नोपनिषद ग्रन्थ में प्रश्नों के जो उत्तर दिए है बाकई चिंतन और मनन के योग्य हैं. यह आपकी प्रज्ञा की मीमांसा और विश्लेषण ही है जो हिंदी जगत ही नहीं बल्कि सारा जनसमुदाय आपकी योग्यता और गहन अध्ययन की सराहना करेगा. क्योंकि आपने प्रश्नों के उत्तर ही नहीं दिए बल्कि आपने अपने अध्ययन को भी बतलाया है कि आपने कितने वेद- वेदांगों, शास्त्रों, महाकाव्यों और उपनिषदों का गहन अध्ययन किया है. आप न केवल विधिशास्त्र के विशेषग्य बल्कि अध्यात्मता एवं सामाजिक जीवन के भी विशेषग्य हैं. मैंने तो आपको नजदीक से देखा है. आपकी सौम्यमुद्रा एवं विद्वता आपके मस्तिक पर झलकती है. इसलिए ही आपकी न्याय एवं अन्य विषयों पर लिखी पुस्तकें विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत हैं. यह आपके लेखन तथा आपकी योग्यता का ही परिचायिक है. मैं इस पुस्तक को बड़े ध्यान अध्ययन कर रहा हूँ. पाठक की पुस्तक पढ़ने में जिज्ञासा बनी रहती है कि बार-बार इसको पढ़ता रहूँ. उत्तर प्रश्नोपनिषद सबका सार है. इतनी गहराई से जानकारी कहीं नहीं मिलेगी.मैं इसके उत्तर देने के लिए आपको बार-बार बधाई देता हूँ और आपकी प्रज्ञता को चरण वंदना करता हूँ. इस पुस्तक के प्रष्टा को भी बार-बार बधाई देता हूँ जो उन्होंने ऐसे ज्ञानवर्धक प्रश्न डा० राम गोपाल चतुर्वेदीजी से पूछे हैं.  इतनी विस्तृत जानकारियां  हमें प्रश्न-उत्तर के माध्यम से मिलती  हैं जो बहुत ही ज्ञानवर्धक हैं. मेरे उन्हें भी चरणस्पर्श. जय लोकमंगल.


 भगवान सिंह हंस , 9013456949



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