आदरणीय श्री नीरवजी मैं आपसे निम्न प्रश्नों का उत्तर पूछना चाहता हूँ-
प्रश्न -१-भगवान किसे कहते हैं. भगवान का स्वरूप क्या है. समाज में पुरातन से लेकर आज तक मुख्यरूप से दो भक्तिधाराएं बहती हैं -एक निराकार और दूसरी साकार. साकार के अनुयायी ज्यादा हैं और निराकार के कम, क्यों . आज मनुष्यमात्र में भगवान के प्रति आस्था का ह्रास हुआ है. ऐसा क्यों.
प्रश्न -2- आचरण और व्यवहार में कितनी सन्निकता है. क्या ये अनुवांशिक हैं. समाज में इनकी मौलिकता का स्वरूप क्या है.
भगवान सिंह हंस
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