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Saturday, May 7, 2011

पिंजोर का आयोजन और हिंदी शिक्षा

पिंजोर के आयोजन की रिपोर्ट पढ़ी। डॉ। मधु बरुआ और नीरवजी को इस आयोजन में सम्मिलित होने के लिए बधाई। मैं जानने को उत्सुक हूँ की स्वास्थ्य मंत्रालय औए उच्चा शिक्षा विभाग की और से मेडिकल की शिक्षा हिंदी में हो, इस विषय पर क्या चर्चा-परिचर्चा हुई अथवा क्या लेख पढ़े गए। इस विषय पर मैं दो बातों की और ध्यान आकर्षित करना चाहूंगा ।
गढ़वाल विश्व विद्यालय के पाठ्यक्रम में यह स्पष्ट कियागया है की मेडिकल और पारामेडिकल शिक्षा का माध्यम केवल अंग्रेजी होगा। देश के अन्य विश्व विद्यालयों में भी ऐसी ही बाध्यता होगी.
मेडिकल शिक्षा के लिए अब जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जायेंगे जिनमें उन्हीं जिलों के छात्र भर्ती किये जायेंगे। क्या उनके लिए भी अंग्रेजी माध्यम की बाध्यता होगी । ध्यान रहे, जिलों के छात्र राज्यों के शिक्षा बोर्डों से परीक्षा देते हैं जहाँ पढाई का माध्यम हिंदी है। फिर इन बेचारे विद्यार्थियों की पढाई अंग्रेजी माध्यम से कैसे होगी.
उपरोक्त बिन्दुओं पर हुए विचार विमर्श एवं डॉ मधु बरुआ के विचार जानना चाहूँगा।
विपिन चतुर्वेदी

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