भू अम्बर दिखाते मिले हुए, पर मिला क्षितिज का अंत नहीं ।
ऊपर मत देखो, लाता हूँ, में अंतरिक्ष औ इन्द्र यहीं।
अपनी अतृप्त आकांक्षाओं को मत स्वर्ग नाम से दुलराओ,
किस्मत की लेकर आड़ न तुम असफलताओं से भय खाओ ।
में गाता हूँ तुम बढे चलो दुहराते मेरे गानों को।
जब भाग्य स्वयं का साध लिया घबराने दो भगवानों को।
मैं प्रकृति पूत, तुम शक्ति दूत, मैं गीत अमर .तुम गायक हो।
मैं रहा तुम्हारा पथ दृष्टा ,अब तुम मेरे अधिनायक हो ।
तुम रहना मेरे साथ, विजय माला मैं लाउंगा तुमको ।
यह युगों युगों तक गूंजेगा जो गीत सुनाऊंगा तुमको।
ऊपर मत देखो, लाता हूँ, में अंतरिक्ष औ इन्द्र यहीं।
अपनी अतृप्त आकांक्षाओं को मत स्वर्ग नाम से दुलराओ,
किस्मत की लेकर आड़ न तुम असफलताओं से भय खाओ ।
में गाता हूँ तुम बढे चलो दुहराते मेरे गानों को।
जब भाग्य स्वयं का साध लिया घबराने दो भगवानों को।
मैं प्रकृति पूत, तुम शक्ति दूत, मैं गीत अमर .तुम गायक हो।
मैं रहा तुम्हारा पथ दृष्टा ,अब तुम मेरे अधिनायक हो ।
तुम रहना मेरे साथ, विजय माला मैं लाउंगा तुमको ।
यह युगों युगों तक गूंजेगा जो गीत सुनाऊंगा तुमको।
विपिन चतुर्वेदी
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