पंडित सुरेश नीरवजी ने देश में बार-बार नियमितरूप से पेट्रोल की बढ़ती कीमत पर एक करारा व्यंग्य किया है. और सरकार का प्रचार-प्रसार या उपलब्धि का यही एक उत्तम जरिया है.पंडितजी की हास्य-व्यंग्य की निम्न पंक्तियाँ बहुत अच्छी लगी.
१. जब भी कभीसरकार को लगता है कि देश की नाक नीची हो रही है वह पेट्रोल की कीमत बढ़ाकर उसे ऊंचा कर देती है.
२-पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के कारनामे की खुशबू इतनी मुक़द्दस और पाकीजा है कि श्रद्धा से पूरे मुल्क की जनता का सर सरकार के आगे सरकारी हन्द्पम्प के हेन्दिल की तरह अपने आप झुक जाता है.
३ हम इस अखंड और प्रचंड इन्तजार में हैं कि संवेदनशील सरकार पेट्रोल की कीमत अब फिर कब बढ़ाती है. पंडितजी आपको इस करारे हास्य-व्यंग्य के बहुत-बहुत बधाई. मेरे पालागन.जय लोकमंगल.
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