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Monday, May 2, 2011

जानि सरद रितु खंजन आए.

आदरणीय श्री विश्वमोहन तिवारीजी प्रणाम आपका जानि सरद रितु खंजन आए  पर विश्लेषण/जानकारी मामूला खंजन और धोवन को लेकर  दी है बड़ा ही मार्मिक एवं ज्ञानवर्धक है. इनकी जाति/प्रजाति, खंजन व धोवन किस देश से सम्बन्ध रखते. उनके संस्कार क्या हैं, एक सुन्दर स्त्री की उपमा  धोवन नामक पक्षी  से दी जाती है और उसकी आँखों की उपमा खंजन नामक पक्षी से दी जाती है, धोवन विदेशी साइबेरियन पक्षी है जबकि खंजन भारतीय पक्षी है. इन पक्षियों का रहन/ सहन कैसा है , ये किस तरह के  पक्षी हैं और ये संसर्ग कैसे करते हैं. ये अपनी प्रिया मादा से प्यार का इजहार कैसे करते हैं. श्री तिवारीजी ने बड़ी बारीकी से बताया है. श्री तिवारीजी की अगोचर द्रष्टि किस तरह गोचर होती है .वह सिर्फ ज्ञानवर्धक ही नहीं बल्कि काबले तारीफ़ है. आपसे मेरा अनुरोध है कि आगे भी आप ऐसी ही ज्ञानवर्धक चीजें हमें बताते रहिए. आपके लेखन को पढ़ने से मुझे बड़ा आनंद मिलता है. मैं आपके आलेख को अवश्य पढ़ता हूँ. आपको बहुत-बहुत बधाई. प्रणाम.

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