सचल तीर्थ वागर्थ -ग्रन्थ का लोकार्पण डा० अलका पाठकजी के करकमलों द्वारा राजेन्द्र भवन में ३०-४ २०११ को किया गया. मंच वरिष्ठ साहित्यकारों से सुशोभित था जिनमें अध्यक्ष डा० बलशौरी रेड्डी, डा० अलका पाठक, डा० विन्देश्वर पाठक, पंडित सुरेश नीरव , डा० राज शेखर व्यास, डा कमल किशोर गोयनका, रमाकांत शुक्ल , श्री ओंकारेश्वर पाण्डेय, डा० मधु चतुर्वेदी और जिन विभूति का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा था और जिनके कृतत्व एवं व्यक्तित्व पर यह ग्रन्थ रचा गया है वह हैं आचार्य निशांतकेतुजी एक महान प्रग्य जिनको शब्द भी खोजते -फिरते हैं कि आपके शब्दाश्रम में उन्हें भी कहीं जगह मिल जाये. आचार्य निशांतकेतुजी पगड़ी पहने हुए मध्य में विराजमान थे जो एक आकर्षण के केंद्र थे. सभागार भी श्रोताओं से खचाखच भरा था. सभी ने इस अमृत महोत्सव का मन से आनंद लिया. शब्दऋषि श्री नीरवजी ने अपनी शब्द मणिका से इस प्रग्ययग्य का अद्भुत सञ्चालन किया. श्री नीरवजी भी इस यग्य आयोजन में केंद्रविन्दु बने रहे. विद्वतजनों ने इनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की . इस अमृत महोत्सव और वरिष्ठ संचालन को बार-बार बधाई .
भगवान सिंह हंस
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