पथिक जी के दर्द सा मेरा भी दर्द है।
देश का प्रधान मंत्री कहता है कि उसके पास सोते बच्चों और महिलाओं और निहत्थे साधुओं पर,जो स्वब अहिंसा का व्रत लिये थे, रात में लाठी बरसाने और अश्रु गैस के बमों से हमला करने के आलावा शान्ति बनाए रखने के लिये कोई चारा नहीं था।
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