यह मंच आपका है आप ही इसकी गरिमा को बनाएंगे। किसी भी विवाद के जिम्मेदार भी आप होंगे, हम नहीं। बहरहाल विवाद की नौबत आने ही न दैं। अपने विचारों को ईमानदारी से आप अपने अपनों तक पहुंचाए और मस्त हो जाएं हमारी यही मंगल कामनाएं...
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Thursday, July 7, 2011
सद-विचार -
बचपन में माँ की डाट च्यवनप्राश का काम करती थी, अब पत्नी की डाट लवण भास्कर चूर्ण का काम करती है..... -राजेन्द्र पंडित
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