साहित्यशिरोमणि
पंडित दामोदरदास चतुर्वेदी सम्मान
दीपप्रज्जवलन करते हुए सत्यव्रत चतुर्वेदी साथ में हैं पंडित सुरेश नीरव,शशिशेखर और रजनीकांत राजू |
नई दिल्ली- अखिल
भारतीय भाषा साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में साहित्य एवं पत्रकारिता के क्षेत्र
में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए दिए जानेवाले साहित्यशिरोमणि पंडित दामोदरदास
चतुर्वेदी स्मृति सम्मान-2011 समारोह का भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के सभागार
में उदघाटन करते हुए संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा
कि- दामोदरदास चतुर्वेदी-जैसे स्वतंत्रता सेनानी साहित्यकारों ने जिन मूल्यों की
रक्षा के लिए अपना जीवन होम किया आज वे मूल्य ही हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर
बने हैं। मगर बाजारवाद की दौड़ में जहां हर चीज़ की मार्केटिंग की जा रही हो नई
पीढ़ी के लिए इन मनीषियों के कृत्य ही पथप्रदर्शक का काम करेंगे। मुख्य वक्ता के
रूप में बोलते हुए हिंदुस्तान मीडिया वेंचर के प्रमुख संपादक शशिशेखर ने पंडित
दामोदरदास चतुर्वेदी को याद करते हुए कहा कि ये लोग खुश नसीब थे,जिन्हें कम-से-कम
यह तो मालुम था कि उन्हें किसके खिलाफ लड़ना है। और उनका असली दुश्मन कौन है। आज
स्थिति यह है कि भक्षक और रक्षक में फर्क करना भी मुश्किल होता जा रहा है। हर दौर
में साहित्यकारों और पत्रकारों ने ही समाज को सही दिशा दी है। आज साहित्यकारों और
पत्रकारों का यह दायित्व कुछ और बढ़ गया है। कवि पंडित सुरेश नीरव का कहना था कि जिनकी
नैतिकता में कहीं शब्द दर्ज हो जाता है तो वह कभी अनैतिक नहीं हो सकता। हम शब्द से
जितना दूर हुए हैं उतने ही भ्रष्टाचार और घपलों के फंदे में फंसने को मजबूर हुए
हैं। पूर्व पत्रकार और वर्तमान में दिल्ली सरकार के उद्योग मंत्री रमाकांत
गोस्वामी ने कहा कि दामोदरदास चतुर्वेदी जैसे पत्रकारों के दौर में पत्रकारिता एक
मिशन थी जो कि आज प्रोफेशन बनती जा रही है। आज पत्रकार हमेशा ऐसी खबरों की तलाश
में रहते हैं,जिनकी मार्केटिंग की जा सके। पत्रकारिता को समाज के जागरण के लिए और
ज्यादा गंभीर होने की जरूरत है। संतोष की बात है कि आज भी कुछ पत्रकार मूल्यों के
प्रति प्रतिबद्ध हैं। इस अवसर पर सुभाष राय(संपादकःजनसंदेश,लखनऊ), यशवंत(प्रमुख
संपादकःभड़ास फॉर मीडिया), राकेश पांडेय(संपादकःप्रवासी संसार), देवकीनंदन शुक्ल(संपादकःतृणगंधा,पटना),
हीरालाल पांडेय (सिक्षाविद), परिचयदास(सचिवःहिंदी अकादमी,दिल्ली), सतपाल( कवि-व्यंग्यकार) रजनी सिंह(शिक्षाविद)
तथा दया निर्दोषी(कवयित्री) को इस वर्ष के साहित्यशिरोमणि पंडित दामोदरदास
चतुर्वेदी स्मृति सम्मान-2011 से अलंकृत किया गया। स्वागत भाषण रजनीकांत राजू ने तथा संचालन कवि अरविंद पथिक ने
किया।
घनश्याम वशिष्ठ, भगवानसिंह हंस,अशोक रिछारिया,रुचि सिंह के अलावा इस अवसर पर डॉ.संजय
चतुर्वेदी,ज्ञानेन्द्र चतुर्वेदी,वीरेन्द्रसिंह चतुर्वेदी,अशोक चतुर्वेदी, सुनील
चतुर्वेदी,ज्ञानेन्द्र सिंह चतुर्वेदी,विवेक चतुर्वेदी,सृजन चतुर्वेदी,हीरालाल
पांडेय समेत समाज के अनेक बंधु-बांधव उपस्थित थे।
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