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Wednesday, August 17, 2011

आप की बात

श्री ज्ञानेन्द्र चतुर्वेदीजी,
पालागन। आप ने दादा चतुर्वेदी सम्मान समारोह में शिरकत कर के मुझे गौरवान्वित किया। मैं आपका आभारी हूं। आप जैसे सहृदयी लोगों  से ही हमें यह बल मिलता है कि ऐसे अनुष्ठान आयोजित कर सकें। हीरालाल पांडेय जी के सम्मान से आप प्रसन्न हैं इस प्रसन्नता से मुझे भी प्रसन्नता है। श्री सत्यव्रत चतुर्वेदीजी के विचारों से आप सहमत नहीं हैं। और आपने अपनी बात बेवाकी से कही यही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात कहने की आज़ादी है। चलिए इस बहाने आपने ब्लॉग पर कई दिनों बाद कुछ लिखा तो सही। इसके लिए सत्यव्रतजी धन्यवाद के पात्र हैं। और आप तो हैं हीं। जयलोक मंगल..
पंडित सुरेश नीरव
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