Search This Blog

Thursday, August 18, 2011

कहे  यह  हौसला  तुमसे ,
अभी तुममें तो, मैं हूँ ना 
न तानो  शामियानों को ,
अभी  अम्बर को है छूना 

घनश्याम वशिष्ठ

No comments: