जिसको पढ़कर इंकलाब
हो
घुसे न रिश्वत सत्ता
के घर में
आदमकद चौकन्ना हूं
मैं यार हजारे अन्ना
हूं।
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थर-थर कांपें चोर-उचक्के
खूब छुड़ाऊं इनके
छक्के
पीट-पीटकर करूं
कचूमर
ऐसा तगड़ा गन्ना हूं
मैं यार हजारे अन्ना
हूं।
00
भागी बातें हवा-हवाई
नाचे मेरे संग
सच्चाई
लोकपाल के तबले का
मैं
धिनक-धिनक धिन
धिन्ना हूं
मैं यार हजारे अन्ना
हूं।
00
खेल न हो टेबिल के
नीचे
पड़ा हूं मैं चोरों
के पीछे
छानूं कूड़ा राजनीति
का
ऐसा बढ़िया छन्ना
हूं
मैं यार हजारे अन्ना
हूं।
-पंडित सुरेश नीरव
।
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