सिरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे।
सर्वस्यार्तिहरेदेवि नारायणिनमोऽस्तुते।
मां दुर्गा शरण में आए हुए दीनों एवं पीडितों की रक्षा में सदा संलग्न रहती हैं। सबकी पीडा दूर करनेवाली नारायणी को नमस्कार है।
हे मां...
जयलोक मंगल के प्रत्येक सदस्य पर अपनी कृपा बनाएं रखें।
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