Search This Blog

Monday, September 5, 2011

सत्यमेव जयते -सत्यमेव जयते ''

सत्यमेव जयते
आंसू को तेजाब बना लो, इस दिल को फौलाद बना लो
हाथों को हथियार बना लो, बुद्धि को तलवार बना लो
फिर मेरे संग कदम मिलाकर, प्राणों में तुम आग लगाकर
ललकारों उन मक्कारों को, भारत माँ के गद्दारों को ,
धुल चटा दो इन दुष्टों को, लगे तमाचा इन भ्रष्टों को
इन पर हमला आज बोल दो, इनके सारे राज खोल दो ,
आशाओं के दीप जला दो, मायूसी को दूर भगा दो
सोया मन हुंकार भरे अब, सच की जय-जयकार करें सब,
झूठे का मुंह कर दो काला, तोड़ो हर शोषण का ताला
हर पापी को कड़ी सजा दो, कुकर्मों का इन्हें मजा दो ,
सत्ता मद में जो हैं डूबे, लगे उन्हें जनता के जूतें
जनता भूखी नंगी बैठी, उनकी बन जाती है कोठी ,
आओ इनकी नीव हिला दे, मिटटी में अब इन्हें मिला दे,
भोली नहीं रही अब जनता, इतना इनको याद दिला दे ,
हम मांगेंगे अब हक़ अपना, सच कर लेंगे हर एक सपना
आगे बढना है ये कहते,''सत्यमेव जयते -सत्यमेव जयते ''
हीरालाल पांडेय

No comments: